आँगने में बधइया बाजे
आँगने में बधइया बाजे ।। टेक ||
चन्द्रमुखी मृगनयनी अवध की। तोरत तानन रागने में ।।
बधइया बाजे || 1 ||
प्रेमभरी प्रमदा गन नाचैं ।
नूपुर बाँधे पायने में
बधइया बाजे ।। 2 ।।
न्यौछावर श्रीराम लला जू की,
न्यौछावर भरत लला जू की,
न्यौछावर लखन लला जू की,
न्यौछावर शत्रुघन लला जू की,
नहिं को सकुचत माँगने में ।।
बधइया बाजे ।। 3 ।।
'सियाअली' यह कौतुक देखत ।
बीती रजनी जागने में ।।
बधइया बाजे ।।
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