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सब देव चले, महादेव चले, लै लै फूलन के हार रे, आओ रामा नागरिया


श्रीराम जन्म


श्रीरामजी के जन्म के समय प्रकृति का भाव वर्णन सब देव चले महादेव चले

सब देव चले, महादेव चले, लै लै फूलन के हार रे, 

आओ रामा नागरिया..............


शिवशंकर ने आगे बढ़कर, अपना डमरू बजाया ।

गंधर्वों ने ताल मिलाकर प्रभु की स्तुति गाया ।।

सब हरसि रहे, मेघ बरषि रहे, अमृत की सरस फुहार रे, ।।

आओ रामा नागरिया


नौमी तिथि मधुमास पुनीता, सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता ।


मध्य दिवस अति सीत ना घामा, पावन काल लोक विश्रामा ।।


ब्रह्मा वेद पढ़ें, सुर यान चढ़े, फूलन की करें बौछार रे, 112 ।। 

आओ रामा नागरिया


जोग लगन ग्रह वार तिथि, अनुकूल सकल जब आयी ।


मनिआरे पर्वत सब महि, षोडस सिंगार करि छायी ॥


कल्यान मूल मिले दोउ कूल, सरयू बढ़ गयी अपार रे ।। 3 ।। 

आओ रामा नागरिया

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