अवध में आनन्द भयो जय रघुवर लाल की
अवध में आनन्द भयो जय रघुवर लाल की ।
जय जय महाराज जू की जय जय जगपाल की ।। 1 ।।
अवध में आनन्द भयो जय रघुबर लाल की ।
हाथी दीन्हीं घोड़ा दीन्हीं, और दीन्हीं पालकी ।। 2 ।।
अवध में आनन्द भयो जय रघुबर लाल की ।
कौन को दीन्हीं हाथी घोड़ा कौन को दीन्हीं पालकी ॥13 ॥
अवध में आनन्द भयो जय रघुबर लाल की ।
छोरन को हाथी घोड़ा, बूढ़न को पालकी ।। 4 ।।
अवध में आनन्द भयो जय रघुबर लाल की ।
छोरन को लड्डू पेड़ा बूढ़न को लापसी ।। 5 ।।
अवध में आनन्द भयो जय रघुबर लाल की ।
कंघा दीन्हीं दर्पण दीन्हीं, दीन्हीं बिन्दी भाल की ।। 6 ।।
अवध में आनन्द भयो जय रघुबर लाल की ।
काड़ा दीन्हीं छाड़ा दीन्हीं मुक्ता मणिमाल की ।। 7 ।
अवध में आनन्द भयो जय रघुबर लाल की ।
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