जनम लिये रघुरइया अवध में बाजे बधइया
जन्म लिए रघुरड्या, अवध में बाजे बधइया ।। टेक ॥।
धन्य अवधपुर धन्य राजा दशरथ । धन्य कौशल्या जी मइया ।।
यदुवंश चन
अवध में बाजे बधइया ।। 1 ।।
केहू लुटावेला अन्न-धन सोनवाँ
केहू लुटावे धेनु गइया
अवध में बाजे बधइया ।। 2 ।।
राजा जी लुटावेलें अन्न-धन सोनवाँ
गुरुवर लुटावें धेनु गइया ।।
सभी हित
बाजें श
झूले अ
अवध में बाजे बधइया ।। 3 ।।
बन्दी जन बिरुदावली गावें
जय जय जय महाराज की सुनावें
फूल बरसावें सुररइया
अवध में बाजे बधइया ॥ 4 ॥
वेद मंत्र मुनि बृन्द पढ़त हैं
गलियन - गलियन बाद्य बजत हैं
नाचे लोग
लुगइया
अवध में बाजे बधइया ।। 5 ।।
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