चलो देखि आवें नंद घर
चलो देखि आवें नंद घर लाला हुआ-चलो यदुवंश चन्द्रवंश में उजाला हुआ- चलो ।।
सखी ब्रज के सब ग्वाल, होके दिल में खुशहाल बैंया गरदन में डाल, नाचें दे दे के ताल आज नंद का नशीबा उजाला हुआ-चलो ।।
सभी हिलमिल के ग्वाल, कहें जय जय गोपाल बाजें शंख घड़ियाल, जन्म लीन्हों नंदलाल झूले अगंना में पलना जहाँ डाला हुआ - चलो ।।
आज ब्रज में महाराज, करने भक्तों का काज जुड़ा सारा समाज, करौ दर्शन सब आज सुख नयनों को पहुँचाने वाला हुआ-चलो।।
देखो गोकुल की ओर, सावन भादों का शोर बोलें पंछी मन मोर, माना बादल घनघोर बूँदे आनंद की बरसाने वाला हुआ-चलो ।।
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