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Showing posts from September, 2022Show All
कैलाश के निवासी नमो बार-बार हूं। आये शरण तिहारी प्रभु तार-तार तूं ।।
शंकर तेरी जटा में बहती है गंगधारा काली घटा के अन्दर जिमि दामिनी उजारा
देखी अजब निराली महिमा सत्संग की देखी बहुत निराली महिमा सत्संग की ।।
सत संगति से प्यार करना सीखो जी
सबसे ऊँची प्रेम सगाई
यह अवसर फिर नहिं मिलने का
तात मिले पुनि मात मिले
बहे सत्संग का दरिया
सब मिल गायें, सुने सुनायें,
जनमन में रसधार भरेगी रामकथा
 हमें निज धर्म पर
हम रामजी के रामजी हमारे हैं
तेरे हवाले मेरी गाड़ी तू जाने तेरा काम
भगवान श्री जगदीश्वर भगवान की
भगवान श्री राजा रामजी की आरती
भगवान श्री सीताराम जी की
भगवान श्री अवधबिहारी जी की आरती
भगवान श्री राम जी की आरती
भगवान श्रीसीताराम जी की आरती
भगवान श्री शिव जी की आरती
भगवान श्री हनुमान जी की आरती
भगवान श्री कुंजबिहारी जी की आरती
श्री रामायणजी की आरती
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन
That is All